निशांत की कविताएं
निशांत निशांत की कविताएं इस मायने में अलग हैं कि यहां युवा जीवन की जद्दोजहद,नौकरी,प्रेम,और बेरोज़गारी का यथार्थपूर्ण और मार्मिक चित्रण शुरू से मिलता रहा है।जिन विषयों पर सहज रूप से ध्यान नहीं जाता ऐसे विषयों पर निशांत की कविताएं अक्सर ध्यान खींचती हैं। यहां प्रस्तुत कविताएं इसका उदाहरण हैं। कोटा I . वे इतने भोले होते हैं किसी गैंग में शामिल नहीं होते कोई नशा नहीं करते घर –घरवालों और अपने बारे में सोचते सोचते एक दिन महज शरीर में तब्दील हो जाते हैं वे पढ़ने आते हैं पढ़ते पढ़ते लड़ाकू हो जाते हैं कुछ पढ़ाकू भी दीन –दुनिया से कट जाते हैं कौन सा भूत है जो शिकारी कुत्ते सा उनका पीछा करता है दौड़ते दौड़ते वे कोटा पहुचते हैं जिसे जीत समझते थे वह तो एक बूंद भी नहीं है इस संसार के लिए तब बौद्धत्व की प्राप्ति होती है ज्ञान से जिंदगी में सब पाते पाते सब खो गया सिर्फ औया सिर्फ देह को कमरे से बाहर निकाला गया ज्ञान कोटा में ही रह गया II. वे क्या बनना चाहते ...